किराए के मालिक (पीके) के इशारे पर काम करने वाला रणनीतिकार (सर्कस का शेर) है अमरिंदर सिंह
हवाबाजों (झूठों का) का नेता है केजरीवाल
किसानों के सिर चढ़े कर्जे पर कांग्रेस की राजनीति को पंजाब के लोग भलिभांति समझते हैं, इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के किराए केमालिक के दिए नारे अब किसानों को गुमराह नहीं कर सकते तथा पंजाब के लोगों का कांग्रेस पर भरोसा नहीं रहा।
आजादी के बाद 70 वर्षों में से 6 दशक देश पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी की नीतियां ही किसान की मौजूदा हालत के लिए जिम्मेदार हैं। पंजाब के किसान आज तक यह बात नहीं भूले कि 2008 में जब मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 70 हजार करोड़ रुपए कर्जा माफी के लिए देश को दिए गए थे, तो अमरिंदर सिंह तथा पंजाब की समूची कांग्रेस लीडरशिप राज्य के किसानों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दिला सक थी। कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों के कारण किसान जिस हालत में पहुंच चुकी है, उस बद्दतर हालात को खत्म करने के लिए किसानों को जो भी मदद दी जाए, वह थोड़ी है। इसलिए जब कांग्रेस या आम आदमी पार्टी पंजाब के किसानों का कर्जा माफ करने के वायदे करते हैं, तोउस पर किसी को कोई एतराज नहीं हो सकता, पर असल में एक शक कैप्टन तथा केजरीवाल की मंशा पर है, क्योंकि किसान जिस तरह के कर्जे के जाल में फंसे हुए हैं, उनका एक बार कर्जा माफ करने से छुटकारा नहीं होने वाला। कर्जा माफ करने से हालात नहीं बदलेंगे। हम देख ही चुके हैं कि जिन किसानों का यू.पी.ए. सरकार ने कर्जा माफ किया था, उन इलाकों में एक साल बाद ही खुदकुशियां दोबारा होने लग पड़ी हैं। वहीं अब किसान खुदकुशियों की दर उतनी ही है, जितनी कर्जा माफी से पहले थी।
किसानी संकट का हल एक ठोस तथा दूरदर्शी पालिसी से होना है, जिस पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई वाली सरकार लगातार काम कर रही है। मौजूदा सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 के बजट में खेतीबाड़ी सेक्टर के लिए 35984 करोड़ रुपए दिए गए हैं तथा आजादी के बाद किसी केन्द्र सरकार द्वारा खेती के लिए दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा बजट है। केन्द्र सरकार द्वारा फसल बीमा योजना, ङ्क्षसचाई सुविधा को बेहतर बनाने जैसे वकारी प्रोग्रामों से किसानों की आमदन, स्त्रोत बढ़ाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। किसानों को ऐसी खेती करने के लिए बढिय़ा माहौल बनाया जा रहा है, जिससे रसायनिक खादों पर खर्च को घटाया जा सके तथा किसान की आमदन यकीनी बन सके। केन्द्र सरकार द्वारा किसान पक्षीय कार्यों के नतीजे जल्द ही लोगों के सामने आने शुरू हो जाएंगे, इसलिए कैप्टन अमरेन्द्र ङ्क्षसह किराए पर लाए रणनीतिकारों तथा केजरीवाल की हवाबाजी में छोड़े जाने वाले बयानों की सियासत करके किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ न करें।
हवाबाजों (झूठों का) का नेता है केजरीवाल
किसानों के सिर चढ़े कर्जे पर कांग्रेस की राजनीति को पंजाब के लोग भलिभांति समझते हैं, इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के किराए केमालिक के दिए नारे अब किसानों को गुमराह नहीं कर सकते तथा पंजाब के लोगों का कांग्रेस पर भरोसा नहीं रहा।
आजादी के बाद 70 वर्षों में से 6 दशक देश पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी की नीतियां ही किसान की मौजूदा हालत के लिए जिम्मेदार हैं। पंजाब के किसान आज तक यह बात नहीं भूले कि 2008 में जब मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 70 हजार करोड़ रुपए कर्जा माफी के लिए देश को दिए गए थे, तो अमरिंदर सिंह तथा पंजाब की समूची कांग्रेस लीडरशिप राज्य के किसानों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दिला सक थी। कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों के कारण किसान जिस हालत में पहुंच चुकी है, उस बद्दतर हालात को खत्म करने के लिए किसानों को जो भी मदद दी जाए, वह थोड़ी है। इसलिए जब कांग्रेस या आम आदमी पार्टी पंजाब के किसानों का कर्जा माफ करने के वायदे करते हैं, तोउस पर किसी को कोई एतराज नहीं हो सकता, पर असल में एक शक कैप्टन तथा केजरीवाल की मंशा पर है, क्योंकि किसान जिस तरह के कर्जे के जाल में फंसे हुए हैं, उनका एक बार कर्जा माफ करने से छुटकारा नहीं होने वाला। कर्जा माफ करने से हालात नहीं बदलेंगे। हम देख ही चुके हैं कि जिन किसानों का यू.पी.ए. सरकार ने कर्जा माफ किया था, उन इलाकों में एक साल बाद ही खुदकुशियां दोबारा होने लग पड़ी हैं। वहीं अब किसान खुदकुशियों की दर उतनी ही है, जितनी कर्जा माफी से पहले थी।
किसानी संकट का हल एक ठोस तथा दूरदर्शी पालिसी से होना है, जिस पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई वाली सरकार लगातार काम कर रही है। मौजूदा सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 के बजट में खेतीबाड़ी सेक्टर के लिए 35984 करोड़ रुपए दिए गए हैं तथा आजादी के बाद किसी केन्द्र सरकार द्वारा खेती के लिए दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा बजट है। केन्द्र सरकार द्वारा फसल बीमा योजना, ङ्क्षसचाई सुविधा को बेहतर बनाने जैसे वकारी प्रोग्रामों से किसानों की आमदन, स्त्रोत बढ़ाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। किसानों को ऐसी खेती करने के लिए बढिय़ा माहौल बनाया जा रहा है, जिससे रसायनिक खादों पर खर्च को घटाया जा सके तथा किसान की आमदन यकीनी बन सके। केन्द्र सरकार द्वारा किसान पक्षीय कार्यों के नतीजे जल्द ही लोगों के सामने आने शुरू हो जाएंगे, इसलिए कैप्टन अमरेन्द्र ङ्क्षसह किराए पर लाए रणनीतिकारों तथा केजरीवाल की हवाबाजी में छोड़े जाने वाले बयानों की सियासत करके किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ न करें।
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