Thursday, November 24, 2016

पप्पू के दरवान बने नवजोत सिंह सिद्धू

पप्पू के दरवान बने नवजोत सिंह सिद्धू
चोरों की बारात में नाचेंगे सिद्धू  

कांग्रेस के उपाघ्यक्ष राहुल गांधी को पप्पू कहकर आलोचना करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आखिरकार पप्पू के दरबार में ही झुक गए हैं। कोई नफा नुकसान की परवाह किए बगैर पंजाब के हित में खडे होने का दावा करने वाले सिद्धू जिस कांग्रेस पाटी्र को इमानदार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पीछे चल रही चोरों की बारात कहते थे आज उसी बारात में पहुंचकर नाचने की तैयारी में जुट गए हैं। नवजोत सिद्धू के श4दों में ही बात करें तो वह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस देश को सोने की चिडिया बनाने का रास्ता छोडकर सोनिया की चिडिया बनाने में जुट गए है। मुझे याद है कि 7 अक्तूबर 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान यमुनानगर की रैली में नवजोत सिद्धू ने कहा था कि वह 60 वर्षो में देश को लोकतंत्र से गुंडा तंत्र में बदलने वालों के खिलाफ झुकेंगे नहीं। उन्होनें अपनी आदरणीय माता के दूध का हवाला देकर कहा था कि चह अपने जीते जी उेसी ताकतों के आगे झुकेंगे नहीं लेकिन सिद्धू अपनी मां के दुध की कसम भूल गए हैं तथा सिर्फ राजनीतिक सौदेबाजी के लिए सिर झुका दिया व जमीर बेच दिया।
जिस पंजाब से दूर रखने का दोष लगाकर वह भाजपा से अलग हुए थे,उसी पंजाब में सिद्धू ने जुलाई महीने के बाद पैर तक नहीं रखा। श्री सिद्धू अपनी कोई अलग पार्टी बना लेते तो बात अलग थी, कोई राजनीनिक समझौता कर लेते फिर भी उसे ठीक मान लिया जाना था। परंतु अब सिद्धू अपने ही दावों से पलट गए हैं। शेयरो-शायरी के लिए मशहूर नवजोत सिद्धू कहा करते थे, तारा टूटे तो जीन पर नहीं टिकता और समंदर कभी दरिया में नहीं गिरता। नवजोत सिद्धू ने सितारे को जमीन पर गिरा दिया है और उसका समंदर भी अब दरिया में बहेगा।

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