‘जिहड़े कहिंदे सी मरांगे नाल तेरे, छडड के मैदान भज्ज गए’
गैर-जिम्मेदार नेता हैं कैप्टन व केजरीवाल
- अकाली-भाजपा सरकार की ओर से लिये जाने वाले सखत कदम का समर्थन करने से भाग रहे हैं अमरिंदर
- केजरीवाल नाजुक समय में छिपकर बैठ गए
कैप्टन अमरिंदर सिंह को समझ तो पहले ही नहीं थी, लेकिन जब भाजपा ने पंजाब व पंजाब की किसानी के हित के लिए प्रकाश सिंह बादल के साथ चटटान की तरह डटकर खडे होने का सखत स्टैंड लिया तो कैप्टन की सुध-बुध खो गई। अबकैप्टन को समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करें? सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर कैप्टन अकाली-भाजपा सरकारकी ओर से लिये जाने वाले सखत कदम का समर्थन करने से भाग रहे हैं।
अमरिंदर सिंह अपने संवैधानिक कर्तव्य निभाने से इंकार कर रहे हैं। कैप्टन ने पटियाला से विधानसभा चुनाव लडना हैतथा लोकसभा से इस्तीफा तो वैसी ही देना था, इसलिए उनकी इस्तीफे की सियासत को लोग अच्छी तरह समझते हैं।
जैसे खडूर साहिब के उपचुनाव में हार का मुंह देखकर वह मैदान से भागे थे तथा बागियों के कंधो से वार कर रहे थे, उसका जवाब पंजाबकी जनता ने अकाली भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में बहुमत के साथ दिया था। अब वैसे ही एस.वाई.एल. नहर के मामले में कांग्रेस व खासकर इंदिरा गांधी द्वारा पंजाब के साथ किए गए इस जुल्म से शर्मसार होकर भाग रहे हैं।
जैसे खडूर साहिब के उपचुनाव में हार का मुंह देखकर वह मैदान से भागे थे तथा बागियों के कंधो से वार कर रहे थे, उसका जवाब पंजाबकी जनता ने अकाली भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में बहुमत के साथ दिया था। अब वैसे ही एस.वाई.एल. नहर के मामले में कांग्रेस व खासकर इंदिरा गांधी द्वारा पंजाब के साथ किए गए इस जुल्म से शर्मसार होकर भाग रहे हैं।
पंजाब के पानी की लडाई अकाली दल व भाजपा ने हमेशा दो सगे भाईयों की तरह मिलकर लडी है तथा पंजाब के हितों केलिए भी मिलकर नेतृत्व करते आ रहे हैं। जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनकी पार्टी कांग्रेस, पंजाब के विकास के रास्तेमें हमेशा कांटे बिजते आ रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व बादल सरकार का विकास रथ निरंतर चलता रहेगा।
अकाली-भाजपा ने पहले भी डटकर स्टैंड लिया था अब भी मजबूती से खडे रहेंगे। जब तक पंजाब मे अकाली दल-भाजपा की सरकार है। पंजाब के पानी की एक भी बूंद बाहर नहीं जाने दी जाएगी, चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी करने पड़े। हमकैप्टन की तरह भागने वाले तथा अरविंद केजरीवाल की तरह दिल्ली में मुंह छिपाकर बैठ जाने के बजाए हर हालात कासामना करेंगे, चाहे रास्ते में कोई भी आए, हम पूरी तरह टक्कर लेंगे।
इस्तीफा देने का नाटक करके कैप्टन लोगों के सामने दिखावा कर रहे हैं, जबकि वह कभी लोकसभा तो गए ही नहीं, उसनेवैसे ही बर्खास्त हो जाना था। जब कैप्टन ने खुद इस्तीफा दिया तब पंजाब के अन्य कांग्रेसी सांसदों ने इस्तीफे क्यों नहींदिए? अरविंद केजरीवाल ने नाजुक हालात में पंजाब का दौरा भी रद़द कर दिया है। पंजाब के साथ इन दोनों नेताओं वपार्टियों ने वही किया जैसे कहावत है, ‘जिहड़े कहिंदे सी मरांगे नाल तेरे, छडड के मैदान भज्ज गए।’
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