केजरीवाल... मेरे पंजाब का दलित किसी के रहमोकरम पर नहीं है, हम अपने आत्म विश्वास के साथ तरक्की कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल जी...... मेरे पंजाब के दलित को लालची मत समझो। आपने ऐलान कर दिया कि पंजाब में आप उप मुख्यमंत्री का पद दलित को सौंपेगे। आपको क्या लगता है कि ऐसा कहने भर से दलित समुदाय का वोट आपकी झोली में आ गिरेगा। अगर आप कुछ ऐसा ही सोच बैठे हैं, तो मुझे तरस आता है आपकी इस ओछी राजनीति वाली मानसिकता पर। मैं बता देना चाहता हूं कि मेरे पंजाब का दलित, किसी रहमोकरम पर नहीं, बल्कि अपने आत्म विश्वास के साथ तरक्की करता आ रहा है।
केजरीवाल जी मेरे पंजाब का दलित ना ही किसी पद का लालची है और ना ही यह बिकाऊ है। पंजाब की धरती पर दलित सदियों से अपनी मेहनत से रोजी रोटी कमाता आया है।
वैसे मैंने एक दिन पहले भी कहा था कि आप दलित भाईचारे की राजनीति नहीं करते, पर दलित भाईचारे के लिए राजनीति जरूर करते हैं। आपका यह दलित प्रेम मुझे कांग्रेस नेताओं की याद दिला रहा है। जिस तरह से देश की आजादी के बाद से अब तक केन्द्र तथा प्रदेश की कांग्रेस सरकारों ने दलित तथा पिछड़ा वर्ग के लिए स्नेह दिखाया और उनकी तरक्की के लिए कभी ठोस योजनाएं नहीं बनाईं, वैसे ही अब अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी भी दलितों भाईयों के प्रति ऊपरी स्नेह दिखाने में लगे हैं। जिस तरह से कांग्रेस के शासन में दलितों के आर्थिक विकास के लिए खूब वायदे किए गए लेकिन उन्हें कभी भी पूरा नहीं किया गया। ठीक उसी प्रकार से आम आदमी पार्टी भी अब प्रदेश में दलतों के प्रति अपना स्नेह दिखाने आई है। मैं पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल जी का दलित प्रेम दिल्ली में क्यों नहीं दिखाई दिया। ऐसा तो नहीं आपका दलित प्रेम दरअसल दलित वोट बैंक के प्रति है।
केजरीवाल जी आपने अपनी ही पार्टी के दलित सांसद को ना तो संसद में उचित पद से नवाजा था और ना ही दलित समुदाय से होने के नाते उन्हें आपने पार्टी में कोई उचित पदवी दी थी। मैंने खबरों में भी पढ़ा था कि आप के उस सांसद हरिन्द्र सिंह खालसा ने खुलासा किया था कि आप दलितों को पसंद ही नहीं करते, और आप दलित विरोधी हैं। केजरीवाल जी आपकी गलत सियासी चालें पंजाब में तो नहीं चलेगी, भला होगा कि आप दिल्ली वापिस लौट जाओ, नहीं तो हमारा दलित भाईचारा मौकापरस्त लोगों को मुंहतोड़ जवाब देना भी जानता है।
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